उपराष्ट्रपति ने नागपुर के आरसीओईएम में डिजिटल टॉवर का उद्घाटन क़िया
आपको विवेकानन्द जी पर विश्वास करना होगा, क्या कहा था विवेकानन्द जी ने? वह शख्स जिसने शिकागो संबोधन से दुनिया को हिला दिया. वह कहते हैं, उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए।
नागपुर, इस चार दशक पुराने संस्थान के विकास में महत्वपूर्ण मील के पत्थर का हिस्सा बनना एक बड़ा सम्मान और सौभाग्य है, जिसे उत्कृष्ट गुणों और गहरी प्रतिबद्धता वाले लोगों द्वारा पोषित किया गया है।
विश्वविद्यालय में डिजिटल टॉवर के बारे में मुझे पूरी जानकारी जानने का अवसर मिला। यह डिजिटल टॉवर लोगों की मानसिकता को बदलने, उन्हें एक अलग समूह में रखने और हमें तकनीकी परिवर्तनों, तकनीकी प्रगति के प्रति पूरी तरह से जागरूक बनाने में एक लंबा रास्ता तय करेगा।
मित्रों आज विश्व लोकतंत्र दिवस है, मैं विश्व लोकतंत्र दिवस विशेष रूप से इसलिए कह रहा हूँ क्योंकि इस वर्ष विश्व लोकतंत्र दिवस का विषय है सुशासन के लिए एक उपकरण के रूप में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस है। यही विषय है। कितना बढ़िया अवसर है, लोकतंत्र के लिए इस वैश्विक विषय के साथ।
यह डिजिटल टावर एक भौतिक टावर है जिसमें आपकी प्रतिभा को निखारने के लिए आवश्यक सभी चीजें मौजूद हैं। अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे की मौजूदगी भविष्य के लिए विश्वविद्यालय के दृष्टिकोण को बयां करती है जो प्रौद्योगिकी, नवाचार और शिक्षा में उत्कृष्टता की खोज के साथ गहराई से जुड़ा हुआ है।
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा लोकतंत्र को परिभाषित करती है, जिस तरह की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा आपको मिल रही है, लड़के और लड़कियाँ, वह विकास को परिभाषित करती है। यह 2047 तक पूर्ण विकसित राष्ट्र बनने की हमारी उपलब्धि को तेजी से आगे बढ़ाएगी। एक समय था जब लोग भारत को सोता हुआ भीमकाय कहते थे। भारत अब सोता हुआ भीमकाय नहीं रहा। यह बढ़ रहा है, यह वृद्धि अजेय है। यह वृद्धि निरंतर है। आर्थिक उछाल बेहतरीन है।
वैश्विक संस्थाओं के अनुसार, भारत निवेश और अवसर का पसंदीदा गंतव्य है। विश्व बैंक द्वारा स्वीकार किया गया है डिजिटलीकरण में हमारी गहरी पैठ को, जैसा कि देवेंद्रजी ने व्यावहारिक उदाहरण देकर संकेत दिया है कि कैसे छोटे पैसे का लेन-देन करने वाले लोग भी प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हैं।
विश्व बैंक ने भारत को बाकी दुनिया के लिए एक आदर्श मॉडल के रूप में सराहा है। डिजिटलीकरण कैसे हो? और क्यों नहीं? हमारे जैसे देश में, जहाँ 100 मिलियन से अधिक किसानों को साल में तीन बार प्रत्यक्ष हस्तांतरण मिलता है, और देवेंद्र जी की सरकार भी ऐसे हस्तांतरण को लागू कर रही है, जिसका अर्थ है कोई रिसाव नहीं, कोई बिचौलिया नहीं, कोई मानवीय हस्तक्षेप नहीं, पूरी जवाबदेही, पूरी पारदर्शिता।
एक समय था जब भारत आशा और संभावना पैदा करने वाला देश नहीं था। अब हम ऐसे समय में रह रहे हैं जब पूरी दुनिया सोचती है कि भारत आशा और संभावनाओं का देश है। जल, थल, आकाश और अंतरिक्ष हमारी प्रकृति की गूंज दुनिया मान रही है।
जगह-जगह एक इकोसिस्टम है, लड़के और लड़कियां, अब एक ऐसा इकोसिस्टम है जहां हर लड़का और लड़की क्षमता, प्रतिभा का एहसास कर सकते हैं और उसका दोहन कर सकते हैं, महत्वाकांक्षाओं और आकांक्षाओं को प्राप्त कर सकते हैं।
और आज के दिन मैं खास तौर पर कहना चाहूंगा, हम तो सिर्फ सरकारी नौकरी को देख रहे हैं, हम बहुत कुछ खो रहे हैं। अवसर दिन पर दिन बढ़ रही है, अवसर प्रौद्योगिकी में है, यह डिजिटल टावर अवसरों का प्रवेश द्वार है।
मैं इसरो में गया, इसरो की वैश्विक पहचान है चंद्रयान-3 की सफलता आपको जानकर आश्चर्य होगा, इसरो में कोई आईआईटी का नहीं है, कोई आईआईएम का नहीं है, आपकी तरह गए हुए हैं और इतिहास रच रहे है।
मैं आपसे विनती करता हूं, आप नीली अर्थव्यवस्था, समुद्र विज्ञान पर गौर करें, आप अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था पर गौर करें, आप तकनीकी विकल्पों को देखे और आपको पता चल जाएगा कि आपके पास योगदान करने के लिए बहुत कुछ है।
प्रौद्योगिकियाँ, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, ब्लॉकचेन, ये चुनौतियाँ और अवसर हैं। वे तब तक चुनौतियाँ हैं जब तक आप मौके पर खरे नहीं उतरते। जैसे ही आप इस अवसर का लाभ उठाएंगे, ये प्रौद्योगिकियां अवसर बन जाएंगी।
भारत दुनिया के उन कुछ देशों में से एक है जिसने इन प्रौद्योगिकियों में वैश्विक नेतृत्व किया है। हमारा क्वांटम कंप्यूटिंग मिशन, जिसके लिए 6,000 करोड़ रुपये का विशाल आवंटन किया गया है, एक गेम चेंजर साबित होगा। कंप्यूटिंग की दुनिया में। 2030 तक ग्रीन हाइड्रोजन मिशन, पहले से ही 19,000 करोड़ का आवंटन, 8 लाख करोड़ के निवेश के साथ 8 लाख नौकरियां देगा।
यह ऐसी चीजें हैं जिसके कारण आईएमएफ और विश्व बैंक का कहना है कि भारत निवेश और अवसरों का पसंदीदा स्थान है सरकारी नौकरी की वजह से नहीं कह रहे हैं। इसलिए कह रहे हैं और हमारे पास उस क्षेत्र में योगदान देने के लिए पर्याप्त है।
लड़कों और लड़कियों, हमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसऔर प्रौद्योगिकियों के साथ रहना होगा, लेकिन हमें उन्हें बांध कर रखना होगा। हमें उन्हें विनियमित रखना है, हमें उन्हें अपने लाभ के लिए रखना है और मुझे आपके दिमाग के उपयोग पर कोई संदेह नहीं है और आज जिस सुविधा का उद्घाटन किया गया है वह आपको अत्याधुनिक प्रदान करेगी और आपको बहुत आगे तक ले जाएगी।
एक ग्रीक फिलॉस्फर हुआ करते थे, हेराक्लीटस, सुकरात से पहले के थे। उन्होंने एक महत्वपूर्ण बात कही, उन्होंने कहा, 'The only constant in life is change.' आपने नहीं देखा होगा, हमने देखा है। इसलिए देखा है क्योंकि हमारी उम्र ज्यादा है। एक जमाना था, टेलीफोन कनेक्शन मिलना बहुत मुश्किल था। आज के दिन क्या कोई लेता है टेलीफोन कनेक्शन को? फिर क्रांति आ गई टेलीफोन बूथ की, टेलीफोन बूथ पर जाओ कहीं पर भी बात कर लेंगे। आज के दिन क्या कोई जाता है टेलीफोन बूथ पर? खत्म हो गया। एक नया एरिया डेवलप हुआ डिजिटल लाइब्रेरी का। हर शहर में डिजिटल लाइब्रेरी आ गई। घर में वी.सी.आर और सीडी कहां गए? टेक्नोलॉजी ने सब कुछ बदल दिया।
हमारे वेदों में लिखा है और यह बात सही है, 'जीवन में एकमात्र स्थायी परिवर्तन है, और परिवर्तन अवश्य ही होना चाहिए।' एक व्यक्ति दो बार एक नदी में नहीं जा सकता क्योंकि नदी भी बदलती रहती है, और आदमी भी बदलता रहता है। हमें इस बदलाव का हिस्सा बनना होगा।
भारत ने विस्तार में कभी खून नहीं बहाया। हमने कभी दूसरे देश पर कब्जा नहीं किया, अपने देश की सीमा से बाहर नहीं गए, हमने बर्दाश्त किया है। ऐसी स्थिति में कोई भी भी विवाद दुनिया में हो उसका निपटारा प्रधानमंत्री जी ने कहा डायलॉग और डिप्लोमेसी।
मैं आपको छोटा सा उदाहरण दे रहा हूं एक जमाना था 60 के दशक में साइकिल पर हमारे रॉकेट के पार्ट्स आते थे और दूसरे देश से लॉन्च होते थे आज हम अमेरिका की सैटेलाइट लॉन्च करें सिंगापुर की कर रहे हैं यूके की कर रहे हैं। क्योंकि हम पैसे का मूल्य जानते हैं। इससे हम कमाई कर रहे हैं।